Cloud brust happen natural things
आज हम आप को बताते है बादल कैसे फट जाते है. जब बड़े-बड़े बादल इकट्ठा हो जाते है तो उन के बीच का दवाब बढ़ जाता है. जिसके कारण धरती से वाष्प बन जाने के बाद ऊपर उठी पानी की बुँदे बड़ा आकर ले लेती है. तब बादल उस घनत्व को संभाल नहीं पाता. तब एका एक बहुत तेज बारिश होती. जैसे हम बादल का फटना कहते है.
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पानी की मात्रा
जब बादल फटता है तो 1 घंटे में करीब 100 mm बारिश हो जाती है. अचानक से बाढ़ जैसे हालात हो जाते है. कई बार बादल फटने से ओला वृस्टि जिसमे ओलो का आकर बहुत बड़ा हो सकता भी होती है. इस के साथ-२ तेज आंधी भी आ सकती है.
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बादल फटने के कारण
बादल फटने की घटनाएँ मानसून के दिनों में होती है. बादल फटने का एक कारण तो उन के बीच का आतंरिक दवाब है.जो की तब बनता है जब बहुत बड़े बादल एक ऐसे स्थान पर इकठा हो जाते है. जहा पर उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता न मिले. तब वो बहुत सग्घन हो जाते है अर्थात बादलो की परते बन जाती है.
छोटी -२ बूंदे बड़ा साइज कर लेती है और बादल अपना सारा पानी एक हि स्थान पर गिरा देता है. फटने का एक और कारण है बहती हुई गरम हवा से मिलते है. उस गर्म हवा के कारण पानी की ठंडी छोटी बूंदे बड़ी हो जाना शुरू कर देती है. बाद में बहुत तेज बारिश होने लगती है.
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भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षैत्र
भारत की बात करे तो पहाड़ी इलाके में सबसे ज्यादा बदल फटने की घटनाएँ होती है. इस में हमारे हिमाचल प्रदेश ,जम्मू और कश्मीर ,उत्तराखंड ज्यादा प्रभावित क्षैत्र है. लेकिन बादल फटने की घटना कही पर भी हो सकती है. जिसका उदहारण है 26 जुलाई 2005 को मुंबई में जिसमे केवल 10 घंटो में ही 950 mm बारिश हुई. इसके साथ दिल्ली में भी इतनी ही बारिश के साथ बादल फटने की घटना हुई.
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